चलो उन एक प्रोटेस्ट रैली के अवशेष को क़रीब से देखने की एक कोशिश है। २०१६ के अगस्त में आधुनिक इतिहास का शायद सबसे बड़ा दलित जाती विरोधी प्रोटेस्ट रैली का आयोजन हया था। ऊना में चार लोगों को मारने पीटने के विरोध में ये १० दिन की रैली अहमदाबाद से चल कर ऊना तक चली। इस फ़िल्म इस रैली को दुबारा जाने का और उसके साथ रहने का एक निमंत्रण है। इस फ़िल्म में कोशिश की गयी है की रैली का सरल खाता देने के बजाए उसके एक आनूभाविक पहलू को उभरा जाए और कई सारी पहलू को दर्शाया जाए। फ़िल्म का ढाँचा रैली से ही प्रेरित हया है और वो रैली के ही मार्ग को दुहराता है। हाई स्पीड में शूट किया गया, आपको एक दूसरे सामयिक प्रकृति में आमंत्रित करता है। रैली की आत्मा को देख पाने के लिए वो एक तरह की चिंतनशीलता माँगता है।

chalo una

(come! let's march to una.)